The best Side of Shodashi

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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।

During the context of energy, Tripura Sundari's splendor is intertwined along with her toughness. She's not simply the image of aesthetic perfection and also of sovereignty and overcome evil.

वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।

तां वन्दे नादरूपां प्रणवपदमयीं प्राणिनां प्राणदात्रीम् ॥१०॥

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः

It is need that turns the wheel of karma,  and that retains us in duality.  It really is Shodashi who epitomizes the  burning and sublimation of such wants.  It can be she who enables the Functioning from outdated  karmic patterns, resulting in emancipation and soul freedom.

मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।

Goddess Tripura Sundari can be depicted as being a maiden wearing good scarlet habiliments, darkish and lengthy hair flows and is totally adorned with jewels and garlands.

संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi

Her narratives frequently spotlight her function during the cosmic battle versus forces that threaten dharma, thereby reinforcing her posture to be a protector and upholder of your cosmic get.

Shodashi यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

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